Sunday 10 June 2012

राधा अकेली

इंट्रो देती हूँ मैं अपनी,नाम है राधा रानी,
जग वालो आओ सुनो,सुनती हूँ मैं अपनी कहानी,
एक बड़े अफ्फ्सर की हूँ मैं इकलौती बेटी,
दुनिया से नहीं थी डरती, प्यार से पली थी मैं , करती थी मैं मनमानी,
चोदह साल उमरिया मेरी,हुई न थी अभी सयानी,

पापा एक दिन बोले, जाना है शादी मैं बर्रेली,
माँ ने कहा, रह जाएगी मेरी राधा अकेली,
चोद न दे कोई इसे, यह है अभी भोली भाली,
मेरा भैया करेगा राधा की चुत की रखवाली,

मामा ने भांजी देखि, देखि उसकी चढ़दी जवानी,
उसी समय उसने मुझे चोदने की दिल मैं ठानी,
लौड़ा खड़ा हुआ उसका, मिलेगी कोरी चुत सुहानी,
चुत चोदुंगा भांजी की , करूँगा अपनी मनमानी,

गांड मारी, चूसी मेरी चूची, चुत की करी चुदाई ,
मैंने भी कसर न छोड़ी, पी मैंने लंड की मलाई,
मामा को खा खिल्या , बोतल पिलाई और पिलाई चाय,
बोली मामा जो चाहो, हो जाए, करो मेरी फुद्दी एन्जॉय,

मामा आप हो बड़े सुस्त, कब मुझे फिर चोदोगे,
ऐसी चुत फिर कहाँ मिलेगी, ढूँढ़ते रह जाओगे,
दिल भर कर मुझे chodo ऐसी चुत फिर न पाओगे,
मैं कहीं फुर्र हो जाउंगी तो देखते ही रह जाओगे ,

सुबह हो या हो शाम, रात हो या हुई हो अभी भोर,
मैं हर समय मचाती रहेती थी बस येही एक शोर,
मामा चोदो , बार बार चोदो , यह दिल मांगे मोर,
चोद चोद कर थका मामा , भाग गया हुई मैं बोर,

एक दिन गार्डेन मैं मिल्ली मुझे एक लेडी बहुत अलबेली,
सब्ज़बाग दिखाए उसने मुझको , उसके साथ ही मैं हो ली,

उसी रात को , उसके भाइयों ने फाड़ दी मेरी चोली,

रात भर उन दोनों ने , बारी बारी मेरी फुद्दी चोदी,
सुबह हुई दोनों बोले दीदी यह नहीं है इतनी भोली,
राधा की चुत किसी ने पहले से ही है खोली,

इक दिन आया एक मोटा लाला लेकर रूपये कई हज़ार,
राधा लेले , पर चोदुंगा तुझे रात भर कई बार ,
इसी तरह कुछ दिनों मैं , बने कई मेरे यार,
लेडी ने कर दिया था शुरू, मेरी चुत का व्यापार,

क्या मालूम था होगा इस निगोड़ी चुत का यह हाल ,
एक लंड नहीं , करेंगे हज़ारों मेरी बुर से मेल,

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