एक दिन मुशर्रफ को मनमोहन सिंह का फ़ोन आता है
मनमोहन सिंह मुशर्रफ़ से : “तेरे पास सरिया है ?”
मुशर्रफ़ : “हाँ है ”
मनमोहन : “तो गांड में डाल ले ”
अगले दिन मनमोहन फिर मुशर्रफ़ को फ़ोन करते है
मनमोहन : “ सरिया है क्या ?”
मुशर्रफ चालक बनते हुए : “नहीं है ”
मनमोहन : “क्यूँ गांड में डाल लिया क्या ?”
तीसरे दिन मनमोहन मुशर्रफ़ को कॉल करते है
मनमोहन : “ओये सरिया है ?”
मुशर्रफ “गुस्से में बोलता है , है भी और नहीं भी ”
मनमोहन : “क्यूँ अंदर बहार कर रहा है ”
अगले दिन मुशर्रफ़ सोचता है इस बार मैं मनमोहन को फ़ोन कर के चूतिया बनाता हूँ
मुशर्रफ़ : “सरिया है ?”
मनमोहन : “क्यूँ गांड में डालना है “
Monday, 21 May 2012
मुसर्रफ और मनमोहन सिंह की तू तू मैं मैं
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.