एक दिन मुशर्रफ को मनमोहन सिंह का फ़ोन आता है
मनमोहन सिंह मुशर्रफ़ से : “तेरे पास सरिया है ?
मुशर्रफ़ : “हाँ है
मनमोहन : “तो गांड में डाल ले ”
अगले दिन मनमोहन फिर मुशर्रफ़ को फ़ोन करते है

मनमोहन : “
सरिया है क्या ?
मुशर्रफ चालक बनते हुए : “नहीं है
मनमोहन : “क्यूँ गांड में डाल लिया क्या ?
तीसरे दिन मनमोहन मुशर्रफ़ को कॉल करते है

मनमोहन : “
ओये सरिया है ?
मुशर्रफ “गुस्से में बोलता है , है भी और नहीं भी
मनमोहन : “क्यूँ अंदर बहार कर रहा है
अगले दिन मुशर्रफ़ सोचता है इस बार मैं मनमोहन को फ़ोन कर के चूतिया बनाता हूँ
मुशर्रफ़ : “सरिया है ?
मनमोहन : “
क्यूँ गांड में डालना है