कुछ कॉलेज छात्राओं का एक दल छुट्टियां मनाने समंदर किनारे एक छोटे से शहर में गया। एक पांच मंजिला होटल पर एक बोर्ड लगा था – ”केवल महिलाओं के लिये”। उत्सुकतावश, समूचे दल ने उसी होटल में ठहरने का निश्चय कर लिया। होटल के मैनेजर ने उनका स्वागत करते हुये बताया – ”हमारे होटल में पांच मंजिलें हैं । हरेक मंजिल की विशेषता वहां लिखी हुई है। आप घूमकर देख लीजिये और जहां भी मर्जी आये ठहरिये।”
पहली मंजिल पर लिखा हुआ था – ”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष नाटे कद के हैं।”
लड़कियां हंसकर अगली मंजिल पर बढ़ गईं। वहां लिखा हुआ था – ”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष नाटे पर खूबसूरत हैं।”
यह मंजिल भी किसी को नहीं जमी। वे तीसरी मंजिल की तरफ बढ़ गईं।
वहां की इबारत इस तरह थी – ”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष लंबे हैं।”
लड़कियां इससे भी कुछ बेहतर चाहती थीं इसलिये चौथी मंजिल की तरफ बढ़ गईं।
चौथी मंजिल पर लिखा हुआ था – ”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष लंबे और खूबसूरत हैं।”
यह मंजिल ठहरने की दृष्टि से पूरे दल को उपयुक्त लगी परन्तु पांचवीं मंजिल पर क्या है यह जानने के लिये वे आगे बढ़ गईं।
वहां भी एक इबारत लिखी हुई थी जो इस तरह थी – ”इस मंजिल पर कोई नहीं रहता है। यह मंजिल केवल यह सिध्द करने के लिये बनाई गई है कि महिला को किसी भी प्रकार से सन्तुष्ट नहीं किया जा सकता”
पहली मंजिल पर लिखा हुआ था – ”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष नाटे कद के हैं।”
लड़कियां हंसकर अगली मंजिल पर बढ़ गईं। वहां लिखा हुआ था – ”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष नाटे पर खूबसूरत हैं।”
यह मंजिल भी किसी को नहीं जमी। वे तीसरी मंजिल की तरफ बढ़ गईं।
वहां की इबारत इस तरह थी – ”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष लंबे हैं।”
लड़कियां इससे भी कुछ बेहतर चाहती थीं इसलिये चौथी मंजिल की तरफ बढ़ गईं।
चौथी मंजिल पर लिखा हुआ था – ”इस मंजिल पर रहने वाले पुरुष लंबे और खूबसूरत हैं।”
यह मंजिल ठहरने की दृष्टि से पूरे दल को उपयुक्त लगी परन्तु पांचवीं मंजिल पर क्या है यह जानने के लिये वे आगे बढ़ गईं।
वहां भी एक इबारत लिखी हुई थी जो इस तरह थी – ”इस मंजिल पर कोई नहीं रहता है। यह मंजिल केवल यह सिध्द करने के लिये बनाई गई है कि महिला को किसी भी प्रकार से सन्तुष्ट नहीं किया जा सकता”
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