Friday, 15 June 2012

तो सूटकेस खोल के क्या बडबडा रहा है

एक बार संता दारु पीकर घर लौटा और अपने बाप के डर से धायं से अपने कमरे में गया और एक बड़ी ,मोटी सी किताब खोल कर पढ़ने लगा
कुछ देर बाद उसका बाप आया ,कुछ देर उसे देखा और कहा -दारू पीकर आये हो ?
संता-नहीं पापा जी .
बाप-हरामखोर ,भोंसड़ीके ,तो सूटकेस खोल के क्या बडबडा रहा है

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