मुल्ला नसरुदीन को खटिया लेनी थी. ठगे जाने और सस्ते के चक्कर में वो बहुत दूर मार्केट में चला गया. ८०० रूपये देकर उसने खटिया लेली. अब गाडी भाडा बचाने के चक्कर में उसने खटिया अपने सर पे डाली और चल दिया. थोडी दूर चलने पे एक परिचित मिल गया .
" मियां कितने की लाये ? उसने पुछा
८०० की " मुल्ला ने जवाब दिया
"मरवा आये न गांड ६०० में तो यही मिल जाती " परिचित ने कहा
मुल्ला को बहुत अफ़सोस हुआ ठगे जाने का. थोडी दूर चलने पर एक और मित्र मिल गया, उसने भी पूछा - " मियां खटिया कितने की ले आये ?
मुल्ला ने सोचा इसको ६०० ही बताता हूँ ताकि इसको पता ना लगे की मै ठगा के आया हूँ
"६०० मै लाया हूँ " मुल्ला बोला
" मरवा आया न गांड ४०० मै तो यही मिल जाती " मित्र ने कहा .
अब मुल्ला को अपने आप पे बहुत गुस्सा आया की मै इतना बड़ा बेवकूफ बन गया, थोडी दूर चलने पर एक मित्र और मिल गया, वो पूछ बैठा " मुल्ला कहाँ से आ रहे हो ?
" गांड मरवा के आया हूँ " मुल्ला गुस्से मे बोला
" वाह खटिया भी घर से लेके जाते हो " मित्र बोला
" मियां कितने की लाये ? उसने पुछा
८०० की " मुल्ला ने जवाब दिया
"मरवा आये न गांड ६०० में तो यही मिल जाती " परिचित ने कहा
मुल्ला को बहुत अफ़सोस हुआ ठगे जाने का. थोडी दूर चलने पर एक और मित्र मिल गया, उसने भी पूछा - " मियां खटिया कितने की ले आये ?
मुल्ला ने सोचा इसको ६०० ही बताता हूँ ताकि इसको पता ना लगे की मै ठगा के आया हूँ
"६०० मै लाया हूँ " मुल्ला बोला
" मरवा आया न गांड ४०० मै तो यही मिल जाती " मित्र ने कहा .
अब मुल्ला को अपने आप पे बहुत गुस्सा आया की मै इतना बड़ा बेवकूफ बन गया, थोडी दूर चलने पर एक मित्र और मिल गया, वो पूछ बैठा " मुल्ला कहाँ से आ रहे हो ?
" गांड मरवा के आया हूँ " मुल्ला गुस्से मे बोला
" वाह खटिया भी घर से लेके जाते हो " मित्र बोला
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