Saturday, 16 June 2012

विचित्र सवाल

विचित्र सवाल !


एक सुंदर तरुणी गवाही देने के लिए विटनेस बॉक्स में खड़ी थी।

उसे तेज नजरों से घूरते वकील ने गरजकर बोला, ' मैं अपना प्रश्न फिर दोहराता हूं। अठारह सितंबर की रात को आप कहां थीं?


तरुणी लज्जा से सुर्ख हो गयी।

ओह! वह बोली - 'यह प्रश्न ना ही पूछें तो ही अच्छा है वकील साहब। मैं इसका उत्तर नहीं दे सकती।

वकील ने और दबाव डालते हुए कहा, 'यह तो आपको बताना ही होगा। बहाने मत बनाइए उस रात आप कहां थीं?


तरुणी के कपोल रक्तिम हो उठे। किसी तरह संभल कर उसने कहा- अच्छा, जब आप इतना जोर दे रहे हैं तो मुझे बताना ही पड़ेगा।


अठारह सितंबर की रात में मैं घर बैठी वर्ग पहेली हल कर रही थी।

वकील ने बौखलाते हुए हैरत से पूछा।


'भला इसमें शर्माने की क्या बात थी?


बात तो थी वकील साहब। उसने सुबकी भरी- 'मेरी जैसी सुंदर, जवान और कुंवारी लड़की घर बैठकर वर्ग पहेली में रात बर्बाद करे, यह शर्माने की बात नहीं है? उसने जवाब दिया।

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