Tuesday, 22 May 2012

चीनी की बोरी

एक बार की बात है एक सरदार जी ने एक नौकर रखा घर के काम काज के लिये
फ़िर जब वो अपनी पत्नी के साथ हम्बिस्तर होते थे तो फ़ाटक मे एक छेद था जिसमे से उनकी लडकी और वो नौकर छुप-छुप कर दोनो का खेल देखा करते थे एक दिन सरदार की लडकी ने अपने मम्मी पापा से पूछा कि आप लोग कमरे मे क्या करते हो तो उस पर सरदार ने कहा कि हम लोग चीनी की बोरी खोलतें है बेटा तो एक दिन बेटी नौकर से कहा कि जो खेल मम्मी पापा खेलतें है क्या वो हम भी खेल सकतें है तो उस पर नौकर ने कहा क्युं नही बिल्कुल खेला जा सकता है चलो खेलतें है और दोनो ने चुदाइ का खेल खेला एक दिन सरदा जी को पता चला तो नौकर को बुला कर कहने लगे कि जब एक चीनी की बोरी खुली थी तो उसी मे से चीनी खा लेना चाहिये था नयी बोरी क्युं खोल दी तैने!

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.