सेवा मे,
प्रधानाद्यापक महोदय,
श्रीमान जी,
बात ये है की कोई तुक बनता है पेपर लेने का ?
बहनचोद एक भी छुट्टी नहीं दी गांड मार ली स्टुडेंट्स की, एक तो भोसड़ी के स्य्ल्लाबुस भी इतना फाडू है की गांड का जोर लगा दिया पर कुछ पल्ले नहीं पड़ता !
और टीचर भी ऐसे पढ़ाते है जैसे अपनी माँ चुदवा के आ रहे हो !
तो इस बात का हल ये निकलता है कि कल से नोटिस बोर्ड पर फालतू कि रंडीबाजी बंद कर और उस पर क़ुएस पेपर लगाना चाहिए !
आपका धन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
तेरी बेटी का यार
प्रधानाद्यापक महोदय,
श्रीमान जी,
बात ये है की कोई तुक बनता है पेपर लेने का ?
बहनचोद एक भी छुट्टी नहीं दी गांड मार ली स्टुडेंट्स की, एक तो भोसड़ी के स्य्ल्लाबुस भी इतना फाडू है की गांड का जोर लगा दिया पर कुछ पल्ले नहीं पड़ता !
और टीचर भी ऐसे पढ़ाते है जैसे अपनी माँ चुदवा के आ रहे हो !
तो इस बात का हल ये निकलता है कि कल से नोटिस बोर्ड पर फालतू कि रंडीबाजी बंद कर और उस पर क़ुएस पेपर लगाना चाहिए !
आपका धन्यवाद,
आपका आज्ञाकारी शिष्य
तेरी बेटी का यार
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